पूर्व इंटेल कार्यकारी Raja Koduri ने हाल ही में कंपनी की चल रही मुश्किलों के पीछे “नौकरशाही प्रक्रियाओं” को ज़िम्मेदार ठहराया है। एक एक्स (ट्विटर) पोस्ट में उन्होंने इंटेल के संकट की जड़ में बैठे “पावरपॉइंट सांपों” का ज़िक्र किया, जो इंजीनियर्स की रचनात्मकता को दबा रहे हैं। आइए, समझते हैं कि कोडुरी की नज़र में इंटेल के “खज़ाने” और “सांप” क्या हैं, और कैसे ये बदलाव कंपनी को बचा सकते हैं।
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Raja Koduri कौन हैं?
Raja Koduri इंटेल के पूर्व मुख्य आर्किटेक्ट और एग्ज़िक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट रहे हैं, जिन्होंने कंपनी की आर्किटेक्चर और ग्राफ़िक्स टीम का नेतृत्व किया। उनका मानना है कि इंटेल के पास तकनीकी “खज़ाने” मौजूद हैं, लेकिन नौकरशाही रूपी “सांप” इन्हें व्यवहार में लाने से रोक रहे हैं।
“खज़ाने” vs “सांप”: कोडुरी का विश्लेषण
1. खज़ाने: इंटेल की तकनीकी विरासत
कोडुरी के अनुसार, इंटेल के पास आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) और नवाचारों का भंडार है, जो अक्सर “शेल्फ़ पर धूल जमा रहे हैं”। उदाहरण के लिए, 18A नोड जैसी उन्नत मैन्युफैक्चरिंग तकनीक और पैंथर लेक चिप्स जैसे प्रोजेक्ट्स कंपनी की क्षमता दिखाते हैं।
2. सांप: नौकरशाही की ज़ंजीरें
कोडुरी ने इंटेल के भीतर फैली “स्प्रेडशीट और पावरपॉइंट संस्कृति” को नवाचार का दुश्मन बताया। ये प्रक्रियाएं इंजीनियर्स को घेरकर उनकी साहसिक निर्णय लेने की क्षमता को दबा देती हैं। उनके शब्दों में,
“ये सांप इंजीनियर्स को अपने फन में लेकर क्वार्टरली नुकसान कम करने पर ज़ोर देते हैं, बजाय बड़े लक्ष्य पर ध्यान देने के। इससे इंजीनियरिंग टीम में ‘सीखी हुई लाचारी’ फैल गई है।”

एक एआई-जनरेटेड इमेज में दिखाया गया है कि कैसे “कोऑर्डिनेटर्स” नामक सांप एक कोडर को जकड़े हुए हैं, जबकि एक्ज़ीक्यूटिव बगल में खड़ा देख रहा है। यह इंटेल की आंतरिक संस्कृति की मार्मिक तस्वीर पेश करता है।
कोडुरी के सुझाव: इंटेल कैसे उबर सकता है?
- कोडर्स vs कोऑर्डिनेटर्स अनुपात बढ़ाएं:
इंजीनियर्स की संख्या प्रबंधकों से 10 गुना अधिक होनी चाहिए, ताकि नवाचार पर फोकस बना रहे। - “कैंसल कल्चर” खत्म करें:
फ़ाल्कन शोर्स जैसे प्रोजेक्ट्स को समय से पहले रद्द करने की प्रवृत्ति को रोकें। उत्पादों को बाज़ार में लाने का मौका दें। - उत्पाद नेतृत्व पर पुनर्गठन:
टीम्स को उत्पाद केंद्रित बनाएं, न कि प्रक्रिया केंद्रित। “अच्छे अराजकता” (गुड कॉस) को बढ़ावा दें, जो बाहरी चुनौतियों से नए विचार जन्म दे।
क्या इंटेल के पास अभी भी मौका है?
इंटेल की हालात नाज़ुक हैं:
- निर्माण संकट: TSMC जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में पिछड़ना।
- लीडरशिप वैक्यूम: पैट गेल्सिंगर के जाने के बाद नए CEO का अभाव।
- रोडमैप धूमिल: “5 नोड्स इन 4 इयर्स” योजना अधूरी।
लेकिन उम्मीद की किरणें भी हैं:
- 18A नोड तैयार: यह उन्नत मैन्युफैक्चरिंग तकनीक प्रतिस्पर्धा को टक्कर दे सकती है।
- पैंथर लेक चिप्स: 2024 के दूसरे हाफ में लॉन्च होने वाला यह प्रोसेसर नई संभावनाएं ला सकता है।
कोडुरी अकेले नहीं हैं जो इंटेल की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। बिल गेट्स जैसे दिग्गजों ने भी कंपनी की दिशा पर चिंता जताई है। फिलहाल, इंटेल “टूटते नहीं, टिके हुए” दिख रहा है, लेकिन समय बताएगा कि क्या यह अपने “सांपों” को काबू कर पाएगा।
निष्कर्ष: क्या बदलाव संभव है?
Raja Koduri का विश्लेषण इंटेल की समस्याओं की जड़ तक पहुँचता है। नौकरशाही प्रक्रियाएँ नवाचार को दफ़न कर देती हैं, लेकिन तकनीकी खज़ाने अभी भी मौजूद हैं। कोडुरी के सुझाव यदि लागू हों, तो इंटेल फिर से प्रतिस्पर्धा में बढ़त ले सकता है। पर सवाल यही है: क्या इंटेल का नेतृत्व इन “सांपों” से लड़ने को तैयार है?
आपके विचार में, क्या Raja Koduri की बातें इंटेल के लिए मददगार साबित होंगी? कमेंट में बताएँ!